एक हादसे ने बदल दी ज़िन्दगी | यह कहानी आप कि भी ज़िन्दगी बदल देगी | An accident changed life, This story will change your life too

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एक हादसे ने बदल दी ज़िन्दगी | यह कहानी आप कि भी ज़िन्दगी बदल देगी | An accident changed life, This story will change your life too

बारिश बहुत हो रही थी
घर के सभी खिड़की दरवाज़े बंद थे
बारिश की तेज़ बौछार खिड़कियों के शीशों पर टकरा कर कड़ कड़ाहट का शोर बरपा कर रहे थे

राहुल डायनिंग टेबल पर आरती के हातों से बनाए हुए स्वादिष्ट भोजन का इंतेज़ार कर रहा था

डॉक्टर ने कहा है रात का खाना खाने के बाद कुछ समय पैदल चला करो इससे खाना हज़म होगा और सेहत भी ठीक रहेगी

इतना कहते हुए...

आरती ने आलू के पराठे और चटनी टेबल पर रखते हुए तली हुई मिर्च लाने किचन में चली गई

राहुल बड़े मज़े से आलू के पराठे चटनी लगा कर खाने लगा

आरती तली हुई मिर्च लाकर टेबल पर रखी और खुद भी साथ बैठ कर दोनो बड़े मज़े से आलू के पराठे खाने लगे

राहुल ने आरती को बाहर हो रही तेज़ बारिश दिखाते हुए कहा
अब इस तेज़ बारिश में कौन जाए बाहर टहेलने
डॉक्टर को बोलने दो उनका काम है कहना
अपना तो एक ही मानना है खाओ पियो और मस्त रहो

ये दोनों बाहर देखते हुए ये बात कर है रहे थे कि अचानक सड़क पर एक हादसा हो गया

एक तेज़ रफ्तार कार ने एक राह चलते इंसान को टक्कर मार कर बड़ी तेज़ी से निकल गई

आस पास की बिल्डिंग के वॉचमैन और राह चलते कुछ लोग उसकी मदद को दौड़े
राहुल और आरती भी जल्दी जल्दी बिल्डिंग से उतर कर उस घायेल पड़े शख्स के पास पहोंच गए
पर कोई उस छूने या उठाने की कोशिश नहीं कर रहा था
किसी ने कहा पुलिस को फोन करो तो किसी ने कहा एम्बुलेंस को फोन करो

बुरी तरह से जख्मी वो शख्स सड़क के किनारे पर पड़ा हुआ था, आसमान से बरस रही वो सब कुछ धो देने वाली बारिश कि बूंदे 
उसके जिस्म पर लगे ज़ख्मों के खून को भी धीरे धीरे धो रही थी

पास खड़े दो लोगों ने जब उसे उठाने की कोशिश किए तब उसने दर्द से कराहते हुए कहा मुझे मत छुओ बहुत दर्द हो रहा है,

इतना कहते कहते उसने पास पड़ी एक छोटी सी प्लास्टिक की थैली की तरफ इशारा करते हुए लोगों से कहा
साहेब वो थैली मुझे देदो

राहुल ने हैरानी से उस थैली और उस शख्स को देखते हुए आरती से बोला

ऐसा कौनसा खज़ाना है इस थैली में
जो इस हाल में भी इसे इस गंदी सी थैली कि फिक्र है

किसी ने वो थैली उठा कर उसके पास रख दी

तब उस जख्मी शख्स ने कराहते हुए लोगों से कहा 
मै आगे पास की झोपड़ी में रहता हूं
मेरे दो बच्चे सुबह से भुखे हैं
बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों के लिए रोटी का इंतजाम कर पाया हूं

ये रोटी मेरे बच्चों तक पहोंचा दो वो मेरा इंतज़ार कर रहे हैं

यह कहते हुए उस शख्स ने उसी सड़क पर सबके सामने अपनी आखिरी सांसें लीं 
और अपने दोनों बच्चों को इस ला परवाह समाज के बीच अकेला छोड़ गया

उस दिन पहेली बार वो ला परवाह राहुल की आंखों से आसूं छलक गए

राहुल को ये एहसास हुआ कि वो शायद उस गरीब की ज़िन्दगी बचा सकता था 
पर वो बस तमाशा देखता रहा,

उस रात के जब भी आरती खाना बनाती 
तो सिर्फ दो लोगों का नहीं बल्कि चार लोगों का बनाती है

वो इसलिए की अब वो दोनो बच्चे अब उस गरीब तड़पते हुए दम तोड़ने वाले के नहीं

आरती और राहुल के बच्चे हैं

आरती और राहुल ने उन बच्चों को अपने पास अपने घर में लाकर उन्हें मा और पिता का प्यार देते हुए उनकी ज़िंदगी की सारी ज़िम्मेदारी खुद पर ले लिए,

गुज़ारिश...
यह सिर्फ एक कल्पना है
मै उम्मीद करता हूं ऐसा हादसा किसी के साथ न हो
अगर आप को लगे की कोई इस तरह परेशान है तो जीते जी उसकी मदद कर दे
मौत के बाद मदद करने से आप ज़िन्दगी में सारी खुशियों के रंग तो भर दोगे पर 
मां बाप की कमी कभी पूरी नहीं कर सकते
जानकारी अच्छी लगी हो तो सभी के साथ शेयर ज़रूर करिए
#Taby_Tabrez_Shaikh

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