उत्तर प्रदेश कांवड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली सभी खाने पीने की दुकानों पर उनके मालिकों का नाम लिखे जाने के योगी अदितिय नाथ के फैसले के बाद देश में राजनीती गरम है !
सभी दुकानों पर दुकान के मालिकों के नाम वाली राजनीती में अब सोनू सूद भी कूद पड़े हैं !सोनू सूद फिल्म कलाकार के साथ साथ एक बहोत अच्छे समाज सेवक भी हैं
कोरोना काल के समय से अब तक वो लोगों की सेवा करते आ रहे हैं
हमेशा से यह देखा गया है की सोनू सूद किसी भी राजनीती मुद्दे में नहीं पड़ते और न ही कभी कोई राजनितिक बयान देते हैं, शायेद यह पहली बार होगा जब वो किसी राजनीतीक मुद्दे पर अपनी राय रख रहें हों !
(There should be only one name plate in every shop 'Humanity') अर्थात हर दुकान पर एक ही नेम प्लेट होनी चनिये ''मानवता ''
सोनू सूद द्वारा दिए गए इस बयान को योगी और भाजपा के विरोध में नहीं समझा जा सकता क्यों की सोनू सूद किसी का भी विरोध नहीं करते और न ही उन्होंने किसी पार्टी या वेयक्ति का नाम लिया है
विपक्षी दलों के आरोप :
योगी आदित्य नाथ के इस फरमान के बाद कई सारे विपक्षी दलों के नेताओं के इस फैसले को मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार के रूप में देखा है, उनका कहना है की इस फरमान के पीछे मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करना है ताकि हिन्दू लोग नाम देख कर मुसलमानों की दुकानों से सामान न ख़रीदे
बीजेपी आईटी सेल का समर्थन :
योगी आदित्य नाथ के इस फैसले का समर्थन करते हुए और सरकार का बचाओ करते हुए भाजपा आईटी सेल के लोगों का कहना है की इस फरमान से मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार नहीं होगा, क्यूँ की यह फरमान 2006 के नियम अनुसार है जिसमे दुकानदार को अपनी दुकान का नाम, लाइसेंस नंबर, और अपना नाम लिख कर दिखाना होता है !
इस मामले पर आप की क्या राय है कमेंट करके ज़रूर बताइए
यह भी बताइए की क्या आप सोनू सूद की राय से सहमत है या नहीं
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