आंदोलन और संघर्ष
आंदोलन एक सामूहिक संघर्ष है। किंतु "संघर्ष और आंदोलन एक ही चीज़ नहीं है। संघर्ष रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है। वर्गों में बँटे और शोषण पर टिके समाज में व्यक्ति हर रोज अनगिनत रूपों में संघर्ष करते हैं। यह संघर्ष व्यक्ति के सामूहिक या वर्ग संघर्ष का हिस्सा भी होता है। लेकिन, इन सबको आदोलन नहीं कहा जा सकता। आंदोलन, चाहे वह संगठित हो या स्वतःस्फूर्त, संघर्ष के विकास की एक अवस्था है जहाँ संघर्ष का स्वरूप आम हो जाता है; संघर्ष व्यक्तिगत नहीं रह जाता, सामूहिक हो जाता है।
प्रमुख भारतीय आंदोलन
सविनय अवज्ञा आन्दोलन
दूसरे नाम: नमक आंदोलन, दांडी मार्च
समय: 12 मार्च 1930
मुख्य नेता: मोहनदास करमचंद गाँधी
भारत छोड़ो आन्दोलन
शुरुआत: अगस्त १९४२
मुख्य नेता: मोहनदास करमचंद गांधी
वजह: तुरंत आज़ादी
निष्कर्ष: विफल, १९४२ में आंदोलन का दमन
बारडोली सत्याग्रह
समय: १९२८
मुख्य नेता: सरदार वल्लभभाई पटेल
मुद्दा: नील की खेती और कर
निष्कर्ष: सफल
असहयोग आन्दोलन
समय अन्तराल:सितम्बर १९२० से फ़रवरी १९२२ तक चला
मुख्य मुद्दे: रोलट एक्ट, जलियावाला बाग काण्ड
समाप्ति की वजह: चौरी-चौरा काण्ड
इन सबके बाद आज तक समय समय पर बहुत से आंदोलन होते रहे हैं,
जब भी सरकार द्वारा कोई ऐसा कानून बनाया जाता है जिससे किसी धर्म, जाती, या समुदाय, या फिर व्यापारी संघटन के खिलाफ फैसला होता है तब लोग इकट्ठा हो कर इसका विरोध करते है!
सामूहिक रूप से इकट्ठा हो कर विरोध करना ही आंदोलन कहलाता था
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