बिस्किट खाने की वजह से मॉडल चली गई कोमा में |

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बिस्किट खाने की वजह से मॉडल चली गई कोमा में |

जब कोई कोई कंपनी किसी तरह का कोई प्रोडक्ट तैयार करती है तो उसे मार्केट में उतरने से पहले कई तरह की जांच से हो कर कर गुजरना होता है, 
सभी तरह की जांच के प्रोडक्ट मार्केट में उतरने लायक हो तभी उसे हरी झंडी दिखाई जाती है | और बात अगर किसी खाने पीने के प्रोडक्ट की होतो सावधानी और भी ज्यादा बरती जाती है |
कई बार सामने आया है की किसी प्रोडक्ट की क्वालिटी में कमी होती है तो ग्राहक उसकी शिकायत पुलिस में करते है जिससे कंपनी को जुर्माना भी देना होता है, |
और ग्राहक को उसका रिफंड भी मिलता है |
लेकिन कई बार मामला इतना बिगड़ जाता है की प्रोडक्ट की खराब क्वालिटी की वजह से कस्टमर की जान खतरे में आ जाती है |
ऐसा हुआ अमेरिकी मॉडल के साथ। 
एक्ट्रेस शांटेल ग्याकेलोन को पीनट बटर बिस्किट खाने के बाद ब्रेन डैमेज हो गया था। जिसकी शिकायत करने के बाद लास वेगास की अदालत ने उसके परिवार को 29.5 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 222 करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला ?
यह बात है साल 2013 की जब लास वेगास में शांटेल ग्याकेलोन मैजिक फैशन ट्रेड शो में मॉडलिंग कर रही थीं। उस समय उनकी दोस्त तारा ने उन्हें दही के जैसा टेस्ट करने वाला योगर्ट और प्रेट्जेल दिया था। यह एक तरह का बिस्किट होता है और इसमें पीनट बटर भी शामिल होता है । शांट को पीनट बटर से एलर्जी थी। लेकिन वह इस बात से अनजानी थी कि बिस्किट में पीनट बटर भी है। यह खाने के बाद मॉडल की तबीयत खराब हो गई और वह एनाफायलेक्टिक शॉक में चली गई थीं। एलर्जी के कारण एनाफायलेक्टिक शॉक आता है। आमतौर पर यह फूड एलर्जी और कीड़े-मकोड़ों के काटने से होता है। ये काफी अजीब होता है अगर सही समय पर इलाज नहीं मिलता है तो मरीज की जान भी जा सकती है। 

परिवार वाले ही करते है देखभाल
एनाफायलेक्सिस के चलते ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और जीभ ( ज़ुबान) में सूजन आ सकती है और इंसान को सांस लेने में तकलीफ होती है। इस मामले में शांटेल के वकील क्रिस मॉरिस का कहना था कि मेडिकवेस्ट नाम के अस्पताल में इलाज के बाद शांटेल का दिमाग कुछ मिनटों के लिए बंद हो गया था। 35 साल की शांटेल इस घटना से अब तक ठीक नहीं हो पाई है । उन्हें अब भी लकवा मारा हुआ है। परिवार 24 घंटे उसकी देखरेख कर रहा। हालात इतने बुरेहैं की वह सिर्फ एक आई गेज कंप्यूटर की मदद से अपने आसपास लोगों से बातचीत कर पाती हैं। 

अदालत ने 222 करोड़ रुपए देने के आदेश दिए है
इस गंभीर मामले में लास वेगास की अदालत ने उनके मेडिकल खर्चे और मानसिक-भावनात्मक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उनके परिवार को 29.5 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 222 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है। उनके इलाज में काफी पैसे खर्च हो रहे है। अदालत का फैसला आने के बाद उनके परिवार को थोड़ी राहत मिली है। परिवार वालोंको अदालतका फैसला बहोत पसंद आया है | शांटेल के पिता का कहना है कि उनकी बेटी कम से कम अगले दो दशक तक अपनी जिंदगी ठीक से गुजार सकती हैं। वे इस धनराशि से अपनी बेटी के इलाज का खर्च उठाते रहेंगे

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