जन्म : 5 दिसंबर 1949
व्यवसाय : पत्रकार
रवीश कुमार एनडीटीवी समाचार नेटवर्क के हिंदी समाचार चैनल 'एनडीटीवी इंडिया' में संपादक है,
और चैनल के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे हम लोग, और रवीश की रिपोर्ट, के होस्ट रहे हैं।
रवीश कुमार का प्राइम टाइम शो के साथ देस की बात, भी वर्तमान में काफी लोकप्रिय है।
2016 में "द इंडियन एक्सप्रेस" ने अपनी '100 सबसे प्रभावशाली भारतीयों' की सूची में उन्हें भी शामिल किया था।
रवीश कुमार जी का जन्म बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। उन्होंने लोयोला हाई स्कूल, पटना, से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, और फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह दिल्ली आ गये। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।
1- हिन्दी पत्रिका रंग में गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार 2010 के लिये राष्ट्रपति के हाथों (2014 में प्रदान किया गया)
2- पत्रिका रंग में रामनाथ गोयंका पुरस्कार - 2013
3- इंडियन टेलिविजन पुरस्कार - 2014 - उत्तम हिन्दी एंकर
4- कुलदीप नायर पुरस्कार - 2014 - पत्रकारिता क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए।
5- रेमन मैगसेसे पुरस्कार - अगस्त 2019 - पत्रकारिता क्षेत्र में यह कहकर उनको सम्मानित किया गया कि उन्होंने गरीबों की आवाज सार्वजनिक मंच पर उठाई है
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पुस्तकें
रवीश ने कुल पांच पुस्तकें लिखी हैं:
1• इश्क में शहर होना
2• देखते रहिये
3• रवीशपन्ती
4• द फ्री वॉइस: ऑन डेमोक्रेसी, कल्चर एंड द नेशन
5• बोलना ही है : लोकतंत्र, संस्कृति और राष्ट्र के बारे में
रवीश कुमार की यह पुस्तक राजकमल प्रकाशन द्वारा सन 2019 में प्रकाशित की गयी। द प्रिन्ट के अनुसार यह किताब पिछले कुछ सालों के भारत की यथार्थ गाथा है जिसे तथ्यों के सहारे बुना गया है और समाज में नागरिक के भीड़ बनने की प्रक्रिया को बताया गया है।
यह किताब अंग्रेजी में ‘द फ़्री वॉयस : ऑन द डेमोक्रेसी, कल्चर एन्ड द नेशन’ (The Free Voice : On Democracy, Culture and the Nation) के नाम से छपी है। इसके अलावा कन्नड़, मराठी और नेेपाली भाषा में इस किताब का अनुवाद हो चुका है। अपनी मूल भाषा हिंदी में यह किताब दो नए लेखों के साथ अक्टूबर, 2019 में छपी। इस किताब को राजकमल प्रकाशन ने छापा है।
भूमिका के अलावा इस पुस्तक में 12 लेख शामिल हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं :-
1) बोलना
2) रोबो-पब्लिक और नए लोकतंत्र का निर्माण
3) डर का रोज़गार
4) जहां भीड़, वहीं हिटलर का जर्मनी
5) जनता होने का अधिकार
6) बाबाओं के बाज़ार में आप और हम
7) हम सबके जीवन में प्रेम
8) निजता का अधिकार : संविधान की किताब में एक 9) 9) सुंदर-सी कविता
9) 10) डरपोक क़िस्म की नागरिकता गढ़ता मुख्यधारा मीडिया
10) 2019 में 1984 पढ़ते हुए
11) पंद्रह अगस्त को एक आइसक्रीम ज़रूर खाएँ
नागरिक पत्रकारिता की ताक़त
नौवां लेख 24 फ़रवरी, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित ‘द वायर डायलॉग्स’ में दिए गए भाषण का संपादित पाठ है। बारहवां और आख़िरी लेख 6 सितंबर, 2019 को मनीला में रैमॉन मैगसेसे सेंटर में दिए गए भाषण का संपादित पाठ है जहाँ रवीश कुमार को रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से नवाज़ा गया था।
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