जब कोई भी इंसान घर से लापता हो जाता है तो उसे ढूंढ़ने के लिए परिवार वाले पूरी कोशिश करते हैं, साथ ही पुलिस की भी कड़ी मेहनत होती है, हमने अक्सर देखा है जब कोई इंसान कहीं गायब हो जाता है या खुद से कहीं भी चला जाता है तो वो किसी अनजान जगह पर मिलता है,
लेकिन आज मैं आपको जिस लड़की के बारे में बताने वाला हु उसकी कहानी दुनिया से पूरी तरह अलग है,
आज की यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसने अपने समय में पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी थी,
इस लड़की का नाम एलिज़ाबेथ फ़्रिट्ज़ल (Elisabeth Fritzl) है,
एक दिन यह लड़की अचानक से गायब हो गई, इसे ढूंढ़ने में पुरे 24 लग गए,
लगातार 24 साल तक इस लड़की को ढूंढा जाता रहा और आखिर में यह लड़की 24 साल बाद एक ऐसी जगह पर मिली जिसे देख कर सब हैरान रह गए,
एलिज़ाबेथ फ़्रिट्ज़ल का जन्म 6 अप्रैल 1966 को ऑस्ट्रिया में हुआ था, एलिज़ाबेथ के पिता का नाम जोसेफ फ़्रिट्ज़ल था और माँ का नाम रोज़मेरी था, एलिज़ाबेथ के 6 भाई बहन और भी थे, एलिज़ाबेथ अपने पिता के गुस्से और मार पीट करने की आदत से बहोत परेशान थी,
एलिज़ाबेथ जब 18 साल की हो गई तब वो अपने घर के हालात देख कर बहोत परेशान रहने लगी, सुबह से शाम तक घर में लड़ाई झगडे होते रहते थे, एलिज़ाबेथ के पिता सब पर अपना गुस्सा निकाला करते थे इसी लिए अब वह अपना घर छोड़ कर कहीं दूर चली जाना चाहती थी,
घर के इतने बुरे हाल से तंग आकर वह एक रेस्टुरेंट में काम करने लगी, बाहेर निकल कर उसे कुछ अच्छा महसूस होने लगा, ऐसा लग रहा था जैसे अब सब कुछ ठीक होने वाला है,
लेकिन 29 अगस्त 1984 को एलिज़ाबेथ अचानक गायब हो गई, इसके गायब होने के बाद घर वालों ने इसकी तलाश शुरू कर दी, जब कुछ दिन बीत गए और एलिज़ाबेथ का कुछ पता नहीं चला तो घर वालों ने पुलिस की मदद लेना ही ठीक समझा, और एक दिन पुलिस स्टेशन में एलिज़ाबेथ की मिसिंग कंप्लेंट दर्ज करवा दी गई,
अभी कुछ ही दिन और गुज़रे थे की इनके घर एक खत Latter आया जिसमे लिखा था
मैं एलिज़ाबेथ अपने एक दोस्त के साथ रह रही हु, मैं बिलकुल ठीक हूँ, और बहोत खुश हूँ, इसलिए मुझे ढूंढ़ने की कोशिश न की जाए,
ख़ास बात यह थी की इस लैटर में हैंडराइटिंग भी एलिज़ाबेथ की ही थी, लेकिन हैरानी की बात यह थी की उसके सभी दोस्तों से पूछताछ करने पर यही पाया गया की उसके किसी भी दोस्त को एलिज़ाबेथ की कोई जानकारी नहीं थी,
एलिज़ाबेथ के पिता ने ये लैटर पुलिस के हवाले कर दिया, पुलिस के साथ सभी लोगों को लगा की इस ने अपनी मर्ज़ी से घर छोड़ा है, और शायद किसी ऐसे दोस्त के साथ चली गई है जिसके बारे में कोई नहीं जानता हो, आखिर में पुलिस ने इस केस को बंद कर दिया।
लेकिन कोई नहीं जानता था की एलिज़ाबेथ अपने किसी दोस्त के साथ कहीं नहीं गई है ,
बल्कि वह अपने ही घर के बेसमेंट में कैद है, इस बेसमेंट के कुल 8 दरवाज़े थे और इन सभी दरवाज़ों की चाभी एलिज़ाबेथ के पिता यानी जोसेफ फ़्रिट्ज़ल के पास थीं,
एलिज़ाबेथ पुरे 24 सालों तक अपने ही घर के बेसमेंट में कैद रही, अपने ही घर में होने के बावजूद वह परिवार में किसी से नहीं मिल सकी
सबसे बुरी और हैरानी की बात यह है की एलिज़ाबेथ को कैद करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका पिता जोसेफ फ़्रिट्ज़ल ही था,
पिता के रूप में मौजूद इस दरिंदे ने हैवानियत की सारी हदें पार कर रखी थी,
जोसेफ फ़्रिट्ज़ल ने अपनी बेटी को कैद करने के बाद कुछ दिनों तक खूब मारा पीटा, वो अपनी बेटी पर जानवरों जैसा सुलूक करता था,
कुछ महीने गुजरने के बाद जोसेफ फ़्रिट्ज़ल हर तीसरे दिन एलिज़ाबेथ के पास जाता और उसे खाना पानी देता,
और साथ ही बाप बेटी के रिश्ते को कलंकित भी करता, वह अपनी ही बेटी का 24 सालों तक बलात्कार करता रहा, इन 24 सालों में एलिज़ाबेथ 7 बार प्रेग्नेंट भी हुई,
एलिज़ाबेथ के पैदा हुए बच्चों को भी इसके साथ बेसमेंट में कैदी बना कर रखा गया था, एलिज़ाबेथ के बच्चों ने बाहेर की दुनिया कभी नहीं देखि थी, वह जनम से ही कैदी बना दिए गए थे, और यह सारी हैवानियत करने वाला खुद उसका पिता था,
एलिज़ाबेथ के पैदा हुए सात बच्चों में से एक बच्चा पैदा होते ही मर गया, और 3 बच्चों को खुद उसका पिता पैदा होते ही खुद के घर के सामने रख कर अपनी बीवी को यह दिखाता की यह हमारी बेटी के नाजायज़ बच्चे हैं जो इन्हे पैदा करके हमारे घर के सामने रख कर भाग जाती है, यह कहते हुए वह उन तीनो बच्चों को अपने घर में रख लिया था, और बाकी बचे तीन बच्चे एलिज़ाबेथ के साथ उसी बेसमेंट में कैदी की ज़िदगी गुज़ार रहे थे,
एक दिन जो तीन बच्चे एलिज़ाबेथ के साथ बेसमेंट में कैद थे उनमे से एक बच्ची जिसका नाम क्रिस्टियन था वह काफी बीमार हो गई,
जिसके बाद एलिज़ाबेथ ने अपने पिता से उस बच्ची की जान बचाने के लिए गिड़गिड़ाने लगी, आखिर जोसेफ फ़्रिट्ज़ल ने अपनी बेटी की बात मान ली और उस छोटी बच्ची को लेकर अस्पताल चला गया, अस्पताल में डॉक्टर ने बताया की इतनी छोटी सी बच्ची की किडनी ख़राब हो गई है, डॉक्टर ने जोसेफ फ़्रिट्ज़ल से पूछा की यह बच्ची इसकी क्या लगती है तब इसने कहा की यह बच्ची इसे सड़क के किनारे मिली है, लेकिन डॉक्टर को इसकी बात पर यकीन नहीं हुआ और उसने इस मामले की जानकारी पुलिस को दे दी,
डॉक्टर के खबर करते ही पुलिस तुरंत वहां पहुंच गई, और जोसेफ फ़्रिट्ज़ल से पूछताछ करने लगी, जब पुलिस को जोसेफ फ़्रिट्ज़ल पर शक होने लगा तब पुलिस ने अपने तरीके से इस मामले को सुलझाने लगी लेकिन जोसेफ फ़्रिट्ज़ल बड़ी ही सफाई से बचता रह,
लेकिन जोसेफ फ़्रिट्ज़ल को यह यकीन हो गया था की एक न एक दिन पुलिस उसके घर की तलाशी ज़रूर लेगी इसी लिए उसने अपनी बेटी और उसके साथ कैद दोनों बच्चों को आज़ाद करने का फैसला कर लिया,
वहां पर मौजूद डॉक्टर को जोसेफ फ़्रिट्ज़ल पर पहले से ही शक था इसी लिए उसने तुरंत पुलिस को खबर कर दिया की जोसेफ फ़्रिट्ज़ल एक औरत और 2 बच्चो के साथ अस्पताल में आया हुआ है,
डॉक्टर के बताई हुई जानकारी के हिसाब से पुलिस ने अपनी कारवाही शुरू कर दी और आखिर में 26 अप्रैल 2008 को जब जोसेफ फ़्रिट्ज़ल की उम्र उस समय 73 साल थी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया,
मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने 19 मार्च 2009 को जोसेफ फ़्रिट्ज़ल को उम्र कैद की सजा सुना दी, यह सज़ा उसके लिए बहोत ही कम है, वह अभी भी अपनी सज़ा काट रहा है, वहीँ उसकी बेटी एलिज़ाबेथ का पूरी तरह इलाज करवाया गया और उसे ऑस्ट्रिया के ही एक छोटे से शहर में एक नई ज़िन्दगी की शुरुवात करने के लिए शिफ्ट कर दिया गया है,
पुरे 24 सालों तक अपने ही पिता की हैवानियत की शिकार होती रही इस बेटी के लिए नई जगह और नय लोग कैसे होंगे यह तो सिर्फ वो ही जान सकती है,
24 सालों तक अपने ही घर में कैद रह कर अपने ही पिता से बलात्कार होता रहा, बेसमेंट के छोटे से कमरे में अपने तीन बच्चों को पालती रही, यह सब सोच कर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं,
इस मामले में हमें उन डॉक्टरों का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिन्होंने अपने आस पास हो रही हर हरकत पर नज़र रखी और सही समय पर पुलिस को सुचना दी,
आपको एलिज़ाबेथ की यह सच्ची कहानी से क्या सीख मिली कमेंट कर के ज़रूर बताइये
जानकारी अच्छी लगी हो तो सभी के साथ शेयर ज़रूर करिए
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