जिनमे 8 लाख से भी ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी !
यह घटना चीन के इतिहास में सबसे भयानक मानी जाती है !
ज़लज़ला यानी भूकंप धरती ने नीचे होने वाली इस गतिविधि को कहा जाता है जिससे धरती के ऊपर सब कुछ तबाह और बर्बाद हो जाता है !
आप सभी ने आज तक बहोत बार ऐसी खबरे देखी होगी जिसमे यह बताया गया है की भूकंप कैसे आते है और इनसे कितना बड़ा नुकसान होता है,
हो सकता है आप जहां रहते हो वहां भी कभी भूकंप आया हो और खुद आपने उसे महसूस किया हो,
उत्तरी चीन के शांकसी प्रांत में आया था यह भूकंप
यह घटना है 23 जनवरी 1556 की,
सुबह से दोपहर तक सबकुछ ठीक लग रहा था,
शाम होते होते तेज़ हवाएं चलने लगी जिससे काफी धूल उड़ने लगे, हर तरफ धुंधलका छाने लगा, इसी के साथ लगातार रात भर भूकंप के झटके भी लगने लगे !
दूसरे दिन की जब नई सुबह हुई और धुंधलका हटा तो वहां का नज़ारा बहोत ही दिल दहला देने वाला था,
पूरा का पूरा शहर मलबे में तब्दील हो गया था,
हर तरफ तबाही ही तबाही नज़र आ रही थी,
जहां नज़र जाती बस लाशों का ढेर लगा हुआ था,
एक बसा बसाया शहर उजड़ चुका था,
इस खतरनाक भूकंप में हुई तबाही का कुल अनुमान लगाना काफी मुश्किल काम है |
कितना शक्तिशाली था यह भूकंप ?
इस भूकंप की ताकत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं की पूरे 800 किलोमीटर के इलाके को इसने अपनी चपेट में ले लिया था,
उस समय चीन में राजतंत्र था. वहां पर मिंग वंश का राज था. राजा का नाम था जियाजिंग.
ये भूकंप जियाजिंग के राज की पहचान बन गई. लोगों ने इस भूकंप का ही नाम ही राजा के नाम पर रख दिया यानी की जियाजिंग भूकंप.
चीन में एक वेई नदी घाटी है. इसी जगह को भूकंप का केंद्र माना जाता है, इस घटी के सबसे नजदीक में तीन शहर थे.
1) हुआक्सियान, 2) हुआइयन और 3) वेनियन.
भूकंप में कितना नुकसान हुआ होगा, इसका अंदाजा बस इस बात से लगाइए कि हुआक्सियान शहर पूरी तरह ख़त्म हो गया था, हर घर, हर इमारत जमींदोज हो गई थीं,
इस शहर की आधी से ज्यादा आबादी साफ हो गई थी, बाकी शहरों का हाल भी ऐसा ही हुआ था. कई ऐसे इलाके भी थे, जहां रहने वाले 60 से 70 फीसद लोग मारे गए.
क्यूं मारे गए थे लाखों लोग ?

ये इलाका बहुत घना बसा था एक दूसरे से चिपके-चिपके घर थे. वहां की मिट्टी भी बहुत मुलायम थी, यहां के लोग ज्यादातर ‘याओदोंग’ में रहते थे. ये याओदोंग गुफानुमा घर हुआ करते थे, जब भूकंप आया, तो इनमें रहने वाले लोगों को कुछ सोचने और समझने का भी मौका तक नहीं मिला. भूकंप के कारण चट्टानें जमींदोज हो गईं. उन चट्टानों में बने ये गुफानुमा घर कैसे बच सकते थे, बाकी के जो घर थे, वो भी बड़े कमजोर हुआ करते थे. जब वो गिरे, तो उनमें रहने वाले लोग भी उनके नीचे दबकर मर गए.
सबसे खतरनाक बात थी इस भूकंप का असर भी बड़ा डरावना था. कई जगहों पर जमीन में गहरे गड्ढे बन गए थे, करीब 60 फुट गहरी दरारें पड़ गईं. भूकंप ने पहाड़ की चोटी को पाटकर समतल कर दिया था, नदी ने अपना रास्ता बदल लिया था, नदी के अचानक रास्ता बदल लेने से कुछ इलाकों में बाढ़ आ गई. उसमें भी लोग मारे गए,
कुदरती हादसों में मरने वालों की सही_सही संख्या गिनना काफी मुश्किल काम होता है. आज के दौर में तो पूरे हर देश की सरकार के पास अपने नागरिकों के पूरे आंकड़े होते हैं. सैटेलाइट होता है. कौन सी गली में कितने घर या बड़ी इमारतें हैं और किस मकान में कितने लोग रहते हैं, सब जानकारी सरकार के पास होती है. इन सब के बावजूद अगर कोई हादसा हो जाए, तो एकदम से मारे गए लोगों की ठीक-ठीक गिनती बता पाना सबसे मुश्किल काम होता है. जबकी यह घटना तो साढ़े चार सौ साल से भी ज्यादा पुरानी है. उस समय हादसे में हुए नुकसान का पता लगा पाना और भी मुश्किल काम था. फिर भी इतिहासकार बताते हैं की इस हादसे में करीब 8 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी,
जानकर कहते हैं कि मरने वालों की तादाद इससे ज्यादा भी हो सकती है.
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