आप सभी ने फुल्मों में देखा होगा की एक औरत की लम्बी नाक होती है जो बहोत ही भयानक दिखाई देती है आसान शब्दों में हम उसे चुड़ैल भी कह सकते हैं लेकिन क्या आप जानते हो डायन क्या होती है ? डायन असल में उसे कहा जाता है जो जादू टोना करती है।
लेकिन क्या सच में ऐसी औरतें होती हैं जो जादू टोना करके किसी का भी बुरा कर सकती है ?
वैसे तो डायन कही जाने वाली औरतों का इतिहास बहोत पुराना हैं।
आज आप जानोगे इतिहास की वह खुनी दास्ताँ जब यूरोप की हज़ारों औरतों को डायन समझ कर मौत के घात उतर दिया गया था।
आज से करीब 500 साल पहले यूरोप में काले जादू की बातें आम थीं, कोई भी मुसीबत या बला आती तो उसका ज़िम्मेदार काले जादू को ठहरा दिया जाता था,
काले जादू की सजा सिर्फ और सिर्फ मौत थी, अगर कोई इंसान काला जादू नहीं भी करता था फिर भी सिर्फ शक की बुनियाद पर उसे जान से मार दिया जाता था, जिसमे ज़्यादातर औरतें होती थी जिनको डायन कहा जाता था ,
इन पर यह आरोप था की यह सभी डायन औरतें शैतान की पूजा करती हैं, और शैतान के लिए काला जादू करवाती हैं,
क्या है पूरा मामला ?
यह कहानी साल 1572 में शुरू हुई थी, जर्मनी के एक छोटे से गांव जिसका नाम सैंट मक्सिमन था
इसी गांव में एक महिला रहती थी जिसका नाम इवा था, इस महिला पर यह आरोप था की इसने काला जादू करके एक बच्चे की जान ले ली है।
इसके बाब इवा पर मुकद्दमा चला और आखिर में उसे दहकती हुई आग में धकेल दिया गया, उसे सबके सामने ज़िंदा जला दिया गया।
इस के बाद पुरे यूरोप में औरतों को डायन समझ कर मारने का सिलसिला शुरू हो गया।
जर्मनी, इटली, स्विज़रलैंड, कहीं पर भी अगर भूकपं या सैलाब आता या कोई बीमारी फैलती इन सब का ज़िम्मेदार काले जादू को ठहरा दिया जाता था,
इसके बाद स्कॉटलैंड में भी यही सब होने लगा साल 1590 में यहाँ के राजा किंग जेम्स वन की शादी हो रही थी इसकी होने वाली बीवी डेनमार्क की रहने वाली थी, वह डेनमार्क से स्कॉटलैंड आ रही थी,डेनमार्क से स्कॉटलैंड आने के लिए उसे समुन्द्र के रास्ते आना था जिसके लिए वह एक समुंद्री जहाज़ में सवार हो कर स्कॉटलैंड की तरफ रवाना हो गई,
लेकिन अचानक से बीच समुन्द्र में तूफ़ान आ गया और राजा की होने वाली बीवी समेत जहाज़ में सवार सभी लोग मारे गए,
इसी वजह से राजा किंग जेम्स वन को लगा की इसके पीछे भी काला जादू और डायन का हाथ है, और उसने बड़ी तादाद में डायन होने के शक में औरतों को मरवा दिया,
ऐसा ही एक और वाक़्या स्कॉटलैंड का ही है,
स्कॉटलैंड के एक शहर जिसका नाम करेनेन्ट हैं इसी शहर में एक मेयर रहता था जिसका नाम डेविड सिटेन था,
इस आदमी को लगता था की उसके घर में काम करने वाली लड़की काला जादू करती है,
यह लड़की हर रात घर से निकल कर कहीं चली जाती थी, इसी लिए डेविड सिटेन को लगा की यह जंगलो में जा कर काला जादू करती है, इस आदमी ने इस लड़की को घर में ही कैद कर लिया और बहोत बुरी तरह मारा पीटा गया, इसी के बाद पुरे करेनेन्ट शहर में डायन को ढूंढ़ने का काम शुरू हो गया,
इसी घटना से स्कॉटलैंड के राजा किंग जेम्स वन को पूरी तरह यकीन हो गया की उसके देश में हज़ारों औरतें काला जादू करती हैं, जो शैतान को खुश करने के लिए डायन बन कर पुरे देश में बीमारिया फैला रही हैं और जानवरों को भी मार रही हैं,
देखते ही देखते पुरे स्कॉटलैंड में खौफ का माहौल बन गया, लोग अपने घर से निकलते समय भी डरते थे,
इन सब बातों की वजह से सिर्फ शक की बुनियाद पर स्कॉटलैंड में हज़ारों औरतों को मारा पीटा जाने लगा, और देखते ही देखते हज़ारों औरतों को मौत की सजा दे दी गई,
कैसे होती थी डायन और जादूगर की पहचान ?
सबसे अजीब बात यह है की जब अदालत में जज को यह समझ नहीं आता था की आरोपी सच में जादूगर या डायन है की नहीं
तब उसे नदी के किनारे पर ले जाय जाता था, नदी के किनारे सभी लोगों के सामने उसे रस्सी से बाँध कर पानी में फेंक दिया जाता था, अगर वह इंसान पानी में डूबने लगता तो उसे बाहेर निकाल कर छोड़ दिया जाता था,
अगर कोई किसी भी तरह पानी में नहीं डूबता तो उसे बाहेर निकाल कर मौत की सजा दे दी जाती थी, इनका मानना था जो भी जादूगर होगा या डायन होगी वह पानी में नहीं डूबेंगे, इसी लिए जो नहीं डूबता था उसे सजाये मौत दी जाती थी,
इसी तरह से यूरोप में 50 हज़ार औरतों को मौत की सजा दी गई थी,
अब उन 50 हज़ार औरतों में कितनी डायन थीं और कितनी बेगुनाह इसका हिसाब कोई नहीं लगा सका,
यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, यूरोप और बर्तानिया से निकल कर डायन होने की घटनाएं अमेरिका में भी होने लगी,
साल 1692 में अमेरिका के टाउन सैलेम में भी कई औरतों को डायन समझ कर सजाये मौत दे दी गई थीं,आखिर में साल 1782 में जब स्विज़रलैंड में एक औरत को डायन समझ कर मौत के घात उतारा गया, उस समय उस औरत के परिवार वालों ने सरकारों का खुल कर विरोध किया जिसके बाद अमेरिका और यूरोप में कड़े कानून बना दिए गए ताकि अब किसी भी औरत को डायन समझ का न मारा जाए,
इसी के साथ औरतों को डायन समझ कर जान से मारने की घटनाये भी बंद हो गई,
काश ऐसे ही कानून पहले बना लिए जाते तो हज़ारों बेक़सूर औरतों को इतनी बुरी तरह मौत की सजा न मिली होती,
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