१९९९ का ओड़िशा में आया था चक्रवाती तूफ़ान जिसे उत्तर हिंद महासागर का सबसे शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान माना गया है,
इस तूफ़ान की केंद्रीय दबाव ९१२ मिलिबार थी,
यह तूफ़ान अक्टूबर २५, १९९९ को आया था,
२९ अक्टूबर को यह चक्रवात ओड़िशा राज्य के पाराद्वीप इलाके पर २६० की.मी. प्रति घंटे के रफ्तार से अपना प्रभाव दिखाया।
हज़रों लोगों की मौत के साथ इस तूफ़ान ने सड़कों और इमारतों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया।
व्यस्त 4 नवम्बर 1999
उच्चतम हवाएं
3-मिनट निरंतर : 260 किमी/घंटा (160 मील प्रति घंटा)
1-मिनट निरंतर : 260 किमी/घंटा (160 मील प्रति घंटा)
सबसे कम दबाव
912 hPa (mbar); 26.93 inHg
(उत्तर हिंद महासागर में सबसे कम दबाव वाला पहला रिकॉर्ड)
नुकसान $4.44 billion (1999 USD)
प्रभावित क्षेत्र
थाइलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, भारत, ओडिशा
एक उष्णकटिबंधीय विक्षोभ दक्षिण चीन समुद्र में अक्टूबर के अंतिम दिनों में बना. पश्चिम की तरफ जाते हुए यह तूफ़ान अक्टूबर २५ को एक उष्णकटिबंधीय अवसाद में विकसित हुआ। अगले दिन गरम समुद्र पानी पर से गुज़रते हुए यह एक उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफ़ान बना। एक दिन के अन्दर यह तूफ़ान एक सामान्य चक्रवात से एक बेहद शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान में विकसित हुआ। ९१२ मिलिबार की केंद्रीय दबाव और २६० की.मी. प्रति घंटे की हवा गति के साथ ओड़ीसा के तट के ऊपर से गुज़रा। जमीन की प्रभाव के वजह से यह तूफ़ान शक्तिहीन होकर एक मामूली चक्रवाती तूफ़ान बन गया और जल्द ही नवम्बर ३ को अपनी शक्ति खोकर नष्ट हो गया।
हजारों परिवारों को मजबूरन ओड़िशा के तटीय इलाकों से हटाया गया। इनमें से कही को रेड क्रॉस चक्रवाती तूफ़ान बचाव क्षेत्रों में जगह दिया। यह तूफ़ान ने घनघोर बारिश बरसाया, जिसके कारण कही इलाकों में पानी भर गया। १७११० की.मी. के क्षेत्र के फसल बर्बाद हो गए। लगभग २७५००० घरों को क्षति पहुची, जिसके कारण १६ लाख लोग बेघर हो गए।
हज़ारों लोगों की मौत के बाद अब भी और ४० लोग लापता है। इस तूफान में तक़रीबन २५ लाख पालतू जानवर मारे गए, जिनमें से ४ लाख गायें थी।
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