टीपू सुल्तान के पास थी नेवी फौज, समुन्दर में तैनात थे सिपाही | Tipu Sultan had Navy troops, soldiers stationed at sea

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टीपू सुल्तान के पास थी नेवी फौज, समुन्दर में तैनात थे सिपाही | Tipu Sultan had Navy troops, soldiers stationed at sea


क्या आपको पता है मैसूर के सुल्तान हैदर अली और उनके बेटे शहीद टीपू सुल्तान की खुद की जल सेना थी और ये पहली सल्तनत थी जिसकी खुद की नेवी फोर्स थी

1763 में हैदर अली और टीपू सुल्तान ने मालाबार तट पर अपने पहले जंगी बेड़े की स्थापना की थी जिसकी कमान सौंपी गई थी अली राजा कुन्ही को, हिंद महासागर में तैनात ये जंगी बेड़ा उस वक़्त के घातक और आधुनिक हथियारों से लैस था इस के ज़रिये हैदर अली ने कई वो द्वीप जीत लिये जिन तक मुग़्लो की पहुंच नामुमकिन थी क्यों मुग़लो के पास कोई जल सैना नहीं थी।
1763 में ही सुल्तान हैदर अली और बेटे टीपू सुल्तान ने अली राजा के कमांड में लक्षद्वीप और मालदीव पर भी कब्ज़ा कर लिया था इस जीत की खुश खबरी देने नेवी कमांडर अलीराजा मैसुर पहुंचा और सुल्तान के सामने मालदीव के सुल्तान हसन अज़ीज़ उद्दीन
को पेश किया जिनको की अली राजा ने गिरप्तारी के बाद अंधा कर दिया था कमांडर अली राजा के इस वहशीआना अमल पर हैदर अली आग बबूला हो गए और कमांडर अली राजा को अपने ओहदे से तुरंत सस्पेंड कर उनसे नेवी की कमांडरी वापस ली और मालदीव के सुल्तान हसन अज़ीज उद्दीन को उनका राज पाट वापस देकर बाइज़्ज़त वापस भेज दिया 
1786 में, टीपू सुल्तान ने अपने वालिद  के नक़्शे क़दम पर चलते हुए, 72 तोपों के 20 युद्धपोत और 62 तोपों के 20 फ़्रिगेट्स से मिलकर एक और नौसेना बनाने का फैसला किया। वर्ष 1790 में, उन्होंने कमालुद्दीन को अपना मीर बहार नियुक्त किया और जमालबाद और मजीदाबाद में बड़े पैमाने पर Dockyard स्थापित किये। टीपू सुल्तान के बोर्ड ऑफ एडमिरलिटी में मीर याम की सेवा में 11 कमांडर शामिल थे। एक मीर याम ने 30  एडमिरल्स को कमांड किया और उनमें से प्रत्येक के पास दो जहाज थे। जहाज़ बनते वक़्त टीपू सुल्तान ने ये हुक्म दिया की जहाज़ो के फ्लोर तांबे का हो जिससे जहाज़ की उम्र ज़्यादा होगी टीपू सुल्तान को ये आईडिया फ्रेंच एडमिरल सैफ्रन ने दिया था।

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