हम भारतीय तो पहले से ही जानते हैं की चीन पूरी दुनिया के लिए कितना खतरनाक है,
चीन हमेशा से कोई न कोई ऐसी हरकत ज़रूर करता है जिससे पूरी दुनिया को बड़ा नुकसान होने का खतरा बना रहता है,
साल 2019 से अभी तक पूरी दुनिया चीन से पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस से जूझ रही है,
लाखों लोगों की जाने जा चुकी है,
लेकिन चीन को कोई फर्क नहीं पड़ता, इन सब के बावजूद चीन ने पूरी दुनिया के लिए एक और बड़ा खतरा सामने ला दिया है,
चीन का एक बहोत बड़ा रौकेट कन्ट्रोल से बाहेर हो गया है, और वह बेकाबू रौकेट धरती के चारो तरफ चक्कर लगा रहा है,
दरअसल पिछले कुछ दिनों में चीन ने अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लिए पहला मॉडल लॉन्च किया था,यह राकेट कभी भी धरती के किसी भी हिस्से पर गिर कर बड़ी तबाही मचा सकता है,
इस बेकाबू हुए रौकेट का नाम लॉन्ग मार्च 5b है, लॉन्ग मार्च 5b रौकेट के कोर का वज़न 21 टन है,
लांच के बाद इस रौकेट के कोर को समुन्द्र के बीच किसी तय शुदा जगह पर गिरना था, पर ऐसा नहीं हुआ, यह रौकेट कन्ट्रोल से बाहेर हो गया है,
इस रौकेट के कोर का वज़न 21 टन है वहीँ इसकी लम्बाई 100 फिट और चौड़ाई 16 फिट है,
लॉन्ग मार्च 5b रौकेट धरती के किस हिस्से पर मचा सकता है तबाही ?
योरोपिययन स्पेस एजेंसी के सेफ्टी प्रोग्राम के प्रमुख हेल्गर क्रैग ने कहा है की किसी भी ऑब्जेक्ट के डिसइन को बिना जाने और समझे उसके
टुकड़ों की संख्यां का पता लगाना काफी मुश्किल होता है,
लेकिन अक्सर यह देखा गया है की किसी भी ऑब्जेक्ट का 20 से 40 फीसद हिस्सा बच ही जाता है,
धरती के चक्कर लगा रहे इस खतरनाक रौकेट का रास्ता इस समय न्यू यॉर्क, मैड्रिड, और बीजिंग से थोड़ा उत्तर में है,
इसके अलावा यह दक्षिणी चिली और नूज़ीलैण्ड के वैलिंग्टन के दक्षिण में है, इन्ही हिस्सों में इस रौकेट के टुकड़ों के गिरने की सम्भावना है,
एस्ट्रोनॉमर जॉनथन मैकडॉवल जो धरती का चक्कर लगाने वाली वस्तुओं को ट्रैक करते हैं उन्होंने कहा की वर्तमान स्टैण्डर्ड को देखते हुए
इस बेकाबू रौकेट को धरती में प्रवेश करने देना काफी घातक होगा,
साल 1990 के बाद से 10 टन से ज़्यादा किसी भी वस्तू को धरती में फिरसे प्रवेश करने के लिए ऑर्बिट में नहीं छोड़ा जाता है,
ऑर्बिट से पृथ्वी में प्रवेश के समय क्या होगा ?
जब यह रौकेट ऑर्बिट से निकल कर पृथ्वी की वातावरण में प्रवेश करेगा तब इसके जल जाने की सम्भावना ज़्यादा है,
लेकिन खतरे की बात यह है की जले हुए मलबे के टुकड़े धरती पर गिर कर बड़ी तबाही मचा सकते हैं,
धरती का ज़्यादातर हिस्सा पानी से घिरा हुआ है इस लिए पूरी सम्भावना है की यह पानी में ही गिरेगा,
लेकिन अगर यह पानी में नहीं गिर कर किसी आबादी वाले इलाके पर गिरता है तो बड़ी संख्या में तबाही मचा सकता है,
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