400 से ज़्यादा बच्चे पाए गए HIV पोजिटिव

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400 से ज़्यादा बच्चे पाए गए HIV पोजिटिव

जब हमारे घर या परिवार में कोई बीमार होता है खास तौर पर घर के छोटे बच्चे तब हम बहुत परेशान है जाते हैं,
उनकी अच्छी सेहत और इलाज के लिए हम हर मुमकिन कोशिश करते हैं
बड़े से बड़े अस्पताल ले जाते हैं
पर क्या हो जब कोई अस्पताल हमारे अपनों की मौत का कारण बन जाए ?

आज आप जानोगे साल 1988 में हुए एक ऐसी घटना के बारे में जिसने उस समय पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था,

इस घटना को लीबिया का H I V नाम से जाना जाता था,
इस घटना में अल फतेह चाइल्ड हॉस्पिटल के 6 कर्मचारियों को लीबिया पुलिस ने हिरासत में लिया था,
उन लोगों पर आरोप था कि उन लोगों ने किसी साज़िश के तहत अस्पताल मै भर्ती हुए 400 बच्चों को H I V वाला इंजेक्शन लगाया है, 
इस अस्पताल मै भर्ती 400 बच्चे H I V पोजिटिव पाए गए,
जिनमे से 56 बच्चे साल 2007 तक अपनी जान गवां बैठे,

जिन लोगों पर यह आरोप था कि उन्होंने ने किसी साज़िश के तहेत बच्चो को H I V वाला इंजेक्शन लगाया है उन लोगों को एक साल बाद यानी 1999 में गिरफ्तार किया गया था,
इनमे एक फिलिस्तीनी डॉक्टर और बुल्गारिया कि 5 नर्सें शामिल थी,
उन्हे मौत की सज़ा सुनाई गई जिसके बाद उनका केस लीबिया की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया,
सुप्रीम कोर्ट में भी उन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई,

इन सब के बाद लीबिया की सरकारी पैनल कि एक बैठक में उन लोगों की सज़ा कम कर के उन्हे उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई,
इन सब के बाद उन 6 लोगों को बुल्गारिया भेजा गया
जहां बुल्गारिया के राष्ट्रपति ग्योर्गी पर्वानोव ने उन्हें सभी सज़ा से आज़ाद कर दिया,

सवाल उठाए जाने पर यह कहा गया कि इन सब को मानवतावादी आधार पर छोड़ा गया है
जिसके बाद लीबिया में एक राजनीतिक जंग शुरू हो गई,

जिन 6 लोगों पर यह आरोप लगा था उन लोगों का कहना था कि हमें जबरन यह इल्ज़ाम अपने सर लेने को मजबूर किया गया था,
हमे इसके लिए बहुत तकलीफें दी गई,
हम बे कसूर होते हुए भी यह इल्ज़ाम अपने सर लेने को मजबूर हो गए,
अगर वो ऐसा न करते तो शायद उनके परिवार वालों की जान को भी खतरा ही सकता था,

सैफ अल इस्लाम गद्दाफी ने बाद में इस बात को कन्फर्म किया की
इन लोगों को बिजली के झटके दिए गए और इनके परिवार वालों को मारने की धमकी दी गई थी,

सैफ अल इस्लाम गद्दाफी ने यह भी माना कि इन 6 लोगों के आने से पहले ही कुछ बच्चे H I V पोजिटिव थे,
उस अस्पताल में लापरवाही को वजह से यह महामारी फैली थी,
इन सब में इन लोगों का कोई कुसूर नहीं है
इस बयान के बाद भी लीबिया में लोगों का गुस्सा आसमान छू रहा था, और राजनीति ज़ोरो पर थी,
लोगों का गुस्सा बिल्कुल जायेज़ था, गलती किसी की भी हो जान मासूम बच्चों की गई है,

वक्त के साथ सब कुछ गुजरता गया 
और सब कुछ भुला दिया गया
उन मासूम बच्चों मौत
उनके माता पिता का दर्द
उन 6 लोगों की तकलीफें
दुनिया आगे बढ़ती चली गई
और बढ़ते ही जा रही है

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