जानिए इस खूनी टेलीफोन की कहानी, मारे गए थे लाखों लोग,

हम सब ने आज तक खूनी दरिंदे और खूंखार जानवर को देखा या उसके बारे में सुना होगा, लेकिन क्या ने कभी ये सोचा है कि कोई टेलीफोन भी खूनी हो सकता है ? नहीं ना! तो आज हम आपको इस पोस्ट के ज़रिए एक ऐसे खूनी टेलीफोन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से लाखों लोगों की जान चली गई थी।

पहले जानते है यह टेलीफोन का इस्तेमाल करने वाले के बारे में
एडोल्फ हिटलर एक जर्मन शासक था। वे 'राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी' (NSDAP) के नेता था। इस पार्टी को प्रायर नाजी पार्टी  के नाम से जाना जाता है। साल 1933 से साल 1945 तक वह जर्मनी के शासक रहा। हिटलर को Second World War के लिए अहेम जिम्मेदार माना जाता है। Second World War तब हुआ, जब उसके आदेश पर नात्सी सेना ने पोलैंड पर हमला किया। फ्रांस और ब्रिटेन ने पोलैंड को सुरक्षा देने का वादा किया था और वादे के अनुसार उन दोनों ने नाजी जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी थी।

अब जानते है इस टेलीफोन को खूनी कहे जाने की वजह
यह टेलीफोन इतिहास के सबसे बड़े तानाशाह हिटलर के पास था |
दरअसल, हिटलर को रेड कलर का यह फोन वेरमेच ने दिया था। इस टेलीफ़ोन को खूनी इस लिए कहा जाता है क्यूं की जानकार कहते हैं कि 40 के दशक में इसी फोन से हिटलर ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अपने नाजी सैनिकों को आदेश दिया था कि सभी  बंधक बनाए गए लोगों को मौत के घाट उतार दें। इसके बाद नाजियों ने बंधक बनाए गए लाखों लोगों की गोली मारकर हत्या और गैंस चेंबर में जलाकर मौत के घाट उतारना शुरु कर दिया था।

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