उनके पिता जी का नाम प्रोमिलेस्वर और माता जी का नाम गायत्री देवी है।
ममता बनर्जी उस समय सिर्फ 17 वर्ष की थी जब उनके पिता की मृत्यु इलाज की कमी से हो गई थी|
ममता बनर्जी को दीदी (बड़ी बहन) के नाम से भी जाना जाता है।
वह पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं।
ममता बनर्जी ने 1970 में 12वीं की पढ़ाई देशबंधु सिशु शिक्षालय से पूरी करली थी जिसके बाद स्नातक की पढ़ाई जोगमाया डिग्री कॉलेज से की थी। ममता बनर्जी आगे चल कर मास्टर्स तक की पढ़ाई की है।
जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की।
ममता बनर्जी भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री एवं राजनैतिक दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख हैं।
ममता बनर्जी मात्र 15 वर्ष की उम्र में ही राजनीति में आई थी.
जोगमाया स्कूल में हीं उन्होंने छात्र परिषद यूनियन बना लिया था जो कांग्रेस का ही एक भाग था।
ममता बनर्जी साल 1976 से 1980 तक महिला कांग्रेस की महासचिव रहीं। उसके बाद 1984 में ममता ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठतम नेता सोमनाथ चटर्जी को जादवपुर लोकसभा सीट से हरा दिया था।
सबसे खास बात यह है की ममता बनर्जी को देश का सबसे युवा सांसद बनने का गौरव प्राप्त है |
उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था। लेकिन साल 1989 में कांग्रेस विरोधी लहर के कारण जादवपुर लोकसभा सीट पर ममता को मालिनी भट्टाचार्य के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
लेकिन हार होने के बाद भी वो हार नही मानी |
जिसके बाद साल 1991 का चुनाव उन्होंने कलकत्ता के दक्षिण संसदीय सीट से लड़ा, वहां से उन्होंने जीत हासिल की |
उन्होंने दक्षिणी कोलकाता लोकसभा सीट से माकपा के बिप्लव दासगुप्ता को हरा दिया और साल 1996, 1998, 1999, 2004 व 2009 में वह इसी सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होती रहीं।
इसके बाद में वो कांग्रेस में हीं आ गई थी फिर कुछ दिनों के बाद उन्होने अपनी पार्टी त्रिणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बनाई |
2011 से ममता बनर्जी लगातार पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के पद पर है।
अकेले ममता बनर्जी को हराने के लिए बीजेपी के सभी नेता मैदान में उतरे हुए हैं
सबसे हैरानी की बात ये है की ममता बनर्जी को चुनाव हराने के लिए देश के ग्रह मंत्री (Home Minister) अमित शाह के साथ खुद देश के प्रधान मंत्री (Prime minister) नरेंद्र मोदी को भी चुनाव प्रचार करना पड़ रहा है | और बंगाल की सड़कों पर वोट मांगना पड़ रहा है |
इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं की ममता बनर्जी कोई आम शख्सियत नही है
राजनीति के इलावा उन्हे संगीत का भी शौक है
2018 मे उन्होंने दुर्गा पूजा पर आधारित अपने एलबम "रौद्रर छाया" केे लिए सात गीत कंपोज किए हैं।
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