आज से करीब 99 साल पहले एक ऐसा रहस्समयी मर्डर हुआ था जो आज तक अनसुलझा ही रहा, 99 साल होने का बाद भी आज तक यह पता नहीं चल सका की ये मर्डर किसने और क्यों किया था।
यह मामला जर्मनी के मियूनिक शहर से 70 किलोमीटर दूर बावीरियन इलाके के एक फार्महाउस का है। इस घर में रहने वाले 63 साल के एंड्रियास ग्रूबर जो पेशे से किसान थे, उन्होंने रात में अपने घर के पीछे किसी के चलने की आहट सुनी, जिसके बाद उन्होंने अपनी पतनी को जगा कर इस बारे में बताया, बहोत धियान से सुनने पर भी उनकी पतनी को कोई आहट सुनाई नहीं दी, तभी दूसरे कमरे से उनकी नवासे की रोने की आवाज़ आई, वो शायद किसी और वजह से उठ गया होगा जैसे अक्सर छोटे बच्चे रात में उठ कर रोने लगते हैं।
एंड्रियास की पतनी काज़िला ने उन्हें सो जाने को कहा क्यों की उनकी बातों से बच्चो की नींद ख़राब होने का खतरा था।
अपनी पतनी की बात मान कर वो भी सो गए।
अगली सुबह उन्हें अपने घर के बाहेर एक अख़बार मिला जो किसी और भाषा में था, पड़ोसियों से पूछने पर सभी ने एक जैसा जवाब दिया की यह अख़बार उनका नहीं है, एंड्रियास हैरान थे की यह अख़बार किसका है और उनके दरवाज़े पर कैसे आया, तभी उनकी नज़र घर के पीछे वाले हिस्से पर पड़ी जहाँ बर्फ में किसी के पैरों के निशान बने हुए थे , इसके बाद वह अपने घर में गए और सभी घर वालों से पूछे की घर के पिछले हिस्से में कौन गया था, सभी घर वालों ने एक जैसा जवाब दिए की वहां कोई नहीं गया था क्यों की उस जगह पर कांटे दार झाड़ियां है और वैसे भी उस हिस्से में किसी का भला क्या काम ?तभी उनके घर में काम करने वाली ने एंड्रियास से कहा की इस घर में किसी आत्मा का साया है इसी लिए इस घर में अजीब अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं, यह कहते हुए इस घर में काम न करने की बात करते हुए काम छोड़ कर चली गयी क्यों की वो इन अजीब आवाज़ों से काफी दरी हुई थी ,
31 मार्च 1922 के दिन एंड्रियास ने एक नई काम वाली को रख लिया, इस नई काम वाली का नाम मारिया बॉमगार्टनर था।
सोमवार की सुबह जब डाकिया इनके घर कोई लैटर लेकर आया तब उसने देखा की शनिवार को डाली गई खत उनके दरवाज़े पर वैसी ही राखी हुई है। डाकिये ने सभी पड़ोसियों से पूछा तो हर किसी ने कहा की हममे से किसी ने भी एंड्रियास के परिवार वालों को नहीं देखा है।
पड़ोसियों को जब शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को खबर कर दी।
मियूनिक पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जॉर्ज अपनी टीम के साथ वहां पर पहुंचे, पुलिस के घर के पास बने एक बाड़े में एंड्रियास, उनकी पतनी काज़िला , बेटी विक्टोरिया, और नवासी काज़ीलिया की लाश देखि,
पहले तो पुलिस को लगा की इस वारदात को अंजाम देने में घर में काम करने वाली नौकरानी का हाट होगा, लेकिन जब पुलिस घर के अन्दर दाखिल हुई तब नौकरानी के कमरे में नौकरानी की लाश मिली, दूसरे कमरे में एंड्रियास का नवासा जो सिर्फ 2 साल का था उस की लाश मिली, किसी ने एंड्रियास के पुरे परिवार को ख़त्म कर दिया था साथ में घर में काम करने वाली नौकरानी को भी मार दिया था।
पुलिस ने सभी लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक एंड्रियास की नवासी काज़ीलिया हमले के बाद काफी समय तक ज़िंदा थी, सबसे ज़्यादा बर्बरता इसी के साथ की गई थी, इसके बाल पकड़ का खिंचा गया था जिसकी वजह से इसके सर के बाल कई जगह से उखड गए थे, इन सभी को किसी धारदार हतियार से मारा गया था, पर पुलिस को वारदात की जगह पर कोई भी हतियार नहीं मिला था, इस परिवार का कोई करीबी रिश्तेदार नहीं था और न ही पड़ोसियों का इनके घर ज़्यादा आना जाना था,उस समय जर्मनी का यह बहोत बड़ा मर्डर केस था जिसे पुलिस जल्द से जल्द सुलझाना चाहती थी, और अपराधी को सजा दिलाना चाहती थी,
100 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया, सभी से सख्ती से पूछताछ हुई, फिर भी पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली,
सबसे अजीब बात यह थी की इस घर के किसी भी सामान को, जिसमे ज़ेवर, रूपए, और भी कुछ कीमती सामान शामिल थे, इनमे से किसी को भी हाथ नहीं लगाया गया था, इससे यह बात साफ़ हो जाती है की चोरी और डकैती के लिए यह सब नहीं किया गया था,
ये सभी हत्या इतनी बेरहमी से की गई थी ऐसा लगता है किसी की इस परिवार से काफी दुश्मनी रही होगी,
पुलिस को एंड्रियास के दामाद पर शक था जो आर्मी में जवान था, लेकिन अजीब बात यह थी की उनका दामाद मर चूका था, पर सबसे हैरानी की बात यह थी की कभी उनके दामाद की लाश नहीं मिली थी बस उसे मारा हुआ मान लिया गया था,
पड़ोसियों का कहना था की कई दिनों से इस परिवार का कोई भी सदस्स्य बाहेर दिखाई नहीं दिया था, लकिन खाना बनाते समय चिमनी से धुवां निकलते देखा गया है, हर तरह से जांच करने पर भी पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली, पुरानी कामवाली से पूछताछ करने पर सिर्फ पहली रात की आहट वाली बात ही मालूम हो सकी, जिसके वजह से वो काम छोड़ कर चली गई थी, आज तक इस फाइल को बंद नहीं किया गया है,
अभी भी क्रिमिनल केस पर स्टडी करने वाले स्टूडेंड इस रहस्सय को सुलझाने की कोशिश करते हैं, मियूनिक पुलिस डिपार्टमेंट को भी उम्मीद है की कभी न कभी ये केस ज़रूर सॉल्व हो जाएगा, और कातिल का पता चल जायेगा, आज 99 साल होने के बाद भी यह रहस्समय मर्डर केस अनसुलझा ही रहा,
आपको क्या लगता है इसमें किसका हाथ होगा, अपनी राय कमेंट करके ज़रूर बताइये।
जानकारी अच्छी लगी होतो सभी के साथ शेयर ज़रूर करिये
0 टिप्पणियाँ