एक बाल्टी के लिए हुई इस जंग में मारे गए थे हज़ारों लोग, जानिए आखिर ऐसा क्या था उस बाल्टी में

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एक बाल्टी के लिए हुई इस जंग में मारे गए थे हज़ारों लोग, जानिए आखिर ऐसा क्या था उस बाल्टी में

आप सभी ने आज तक बहोत साड़ी लड़ाइयों के बारे में सुना होग।  किसी भी देश, या राज्य, के बीच होने वाली जंग की कोई खास और बड़ी वजह ज़रूर  होती है।  जैसे की वर्ल्ड वॉर 1 हो या वर्ल्ड वॉर 1 , या फिर भारत पाकिस्तान की कोई भी जुंग इनसब के पीछे कोई बड़ी वजह ज़रूर रही है।  पुराने ज़माने में राजा महाराजा अपनी सल्तनत को और बड़ा करने के लिए दूसरे राज्य पर हमला कर देते थे, जिसकी वजह से हज़ारों सैनिकों समेत आम नागरिको को अपनी जान गंवानी पड़ती थी।  इसके साथ ही दोनों तरफ के लोगों का माली नुक्सान भी होता था। 


लेकिन आज आप इस पोस्ट में जानोगे इतिहास की सबसे अजीब जंग के बारे में जिसमे करीब 2000 सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। 

इस जुंग को war of the bucket यानी की एक बाल्टी के लिए लड़ी गयी जंग के नाम से जाना जाता है। जी हाँ एक बाल्टी के लिए लड़ी गयी जंग। 

आज से करीब 696 साल पहले साल 1325 में इटली के दो शहर हुआ करते थे।  ये दोनों शहर थे तो एक ही देश में पर इनकी आपसी दुश्मनी ऐसी थी जैसे आज अमेरिका और चीन की है।  इन शहरों के नाम हैं, एक का नाम है  बोलोनिया और दूसरे का नाम है मोडेना।  सबसे अजीब बात यह थी की इन दोनों शहरों की अपनी अपनी फ़ौज भी थी। जो हर समय एक दूसरे पर हमला करने को तैयार रहती थीं।

इन दोनों शहरों के लोगों में बहोत ही खतरनाक दुश्मनी थी, इन दोनों शहरों के बीच दुश्मनी की असल वजह थी 11वीं शताब्दी के दौरान रोमन सम्राट फ्रेडरिक बारबरोसा का इटली पर हमला करना। 

फेड्रिक का मानना था की भगवन ने उसे अपना प्रतिनिधि बना कर भेजा है, 

फेड्रिक के समर्थकों को गिबिलाइन्स कहा जाता है।  

वहीँ दूसरी तरफ थे पॉप और पॉप के समर्थकों को ग्वेल्फ़ कहा जाता है ,

बोलोनिया शहर के लोग पॉप को मानते थे और मोडेना को लोग फेड्रिक को मानते थे, "

अब जानते हैं बाल्टी की उस जंग की असल वजह" 

साल 1325 में मोडेना के कुछ सैनिक बोलोनिया शहर में घुस गए और वह शहर के बीचो बीच में रखी कुएं से पानी निकालने वाली एक लकड़ी की बाल्टी को उठा कर अपने साथ मोडेना लेकर चले गए। 

बोलोनिया के सैनिको ने जब अपनी बाल्टी वापस मांगी तब मोडेना के सैनिको ने बाल्टी वापस करने से इंकार कर दिया। 

मोडेना के सैनिको द्वारा बाल्टी वापस करने की बात पर बोलोनिया के सैनिको में गुस्सा फुट पड़ा और उन्हें ऐसा लगने लगा की अगर हम अपनी बाल्टी वापस न ला सेल तो ये हमारे लिए शर्म की बात होगी। 

देखने में तो यह सिर्फ एक आम सी लकड़ी की बाल्टी थी जिसकी मदद से कुएं से पानी निकला जाता था, पर अब यह बाल्टी दोनों शहरों के सैनिको के लिए शान की बात हो गयी थी, 

इसी के साथ यह गलती एक बहोत बड़ी जंग को दावत दे बैठी थी, देखते ही देखते दोनों शहरों के बीच तनाव पैदा हो गया, और दोनों शहरों के सैनिक आपने सामने युद्ध के लिए खड़े हो गए। सही मायने में देखा जाए तो इस मामले में गलती मोडेना के सैनिको की थी पर वो अपनी गलती मानने के बजाये युद्ध करने को तैयार थे, इसी के साथ शुरू होगई वो इतिहासिक जंग जिसे आज तक भुलाया नहीं जा सका है। 


बोलोनिया शहर के फ़ौज में करीब 32000 सिपाही थे, जिनमे 2000 घुड़सवार भी थे,

वहीँ बाल्टी उठा कर ले जाने वाले मोडेना शहर के पास सिर्फ 7000 सैनिक ही थे , इन सब के बावजूद भी मोडेना के सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं थे और अपने से बड़ी फ़ौज के आगे झुकने को भी तैयार नहीं थे और न ही उनकी बाल्टी वापस करने को तैयार थे। 

15  नवंबर 1325 की सुबह बोलोनिया के सैनिक अपनी बाल्टी वापस लेने मोडेना की तरफ रवाना हो गए। 

वहीँ मोडेना के सैनिक भी उनका इंतज़ार कर रहे थे , जैसे ही दोनों फ़ौज आमने सामने हुई, वैसे ही शुरू हो गयी एक भयानक जंग,

दोनों तरफ के हज़ारों सैनिक एक बाल्टी के लिए घंटो तक एक दूसरे से लड़ते रहे, एक दूसरे पर तीर और तलवारों से हमला करते रहें, घंटो तक चली इस जंग में मोडेना के पास बोलोनिया से बहोत छोटी फ़ौज होने के बावजूद भी यह लोग पीछे हटने को तैयार नहीं थे। 

मोडेना के सिर्फ 7000 फौजी बोलोनिया के 32000  फौजियों पर भारी पड़ रहे थे, 

अपने लोगो को मरता हुआ देख बोलोनिया की फ़ौज मैदान छोड़ कर वापस अपने शहर बोलोनिया की तरफ भागने पर मजबूर हो गयी, 

32000  की इतनी बड़ी फ़ौज अपनी जान बचा कर भागने पर मजबूर हो गयी, वहीँ मोडेना की फ़ौज इनका पीछा करते हुए बोलोनिया में घुस गए , और उनके कई किले बर्बाद कर दिए, 

बोलोनिया के सैनिकों की ऐसी हालत हो गयी थी की बाल्टी वापस लाना तो दूर की बात थी अब तो वो अपने किलों को भी नहीं बचा सके। 

मोडेना के सैनिक वापस आते समय बोलोनिया शहर में जाने वाली दरिया के पानी को भी रोक दिए, जिससे वो लोग पानी पिया करते थे। 

यह युद्ध बोलोनिया के सैनिको के लिए बहोत बड़ी हार के तौर पर याद की जाती है, इस युद्ध में दोनों तरफ के कुल मिलाकर करीब 2000 सैनिक मारे गए थे, 

इतना खून खराबा होने के बाद भी मोडेना वालों ने वो बाल्टी कभी वापस नहीं की। 

आज भी इटली के शहर मोडेना में ही यह बाल्टी राखी हुई है, 


एक बाल्टी के लिए लड़ी गयी इस जंग के बारे में आप क्या सोचते हैं कमेंट में अपनी रे ज़रूर दें 

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