इस दुनिया में हर तरह के इंसान रहते हैं और हर इंसान की अपनी कोई एक अलग कहानी होती है, लेकिन इस दुनिया में कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी कहानी पूरी दुनिया से अलग होती है इसी लिए वह दुनिया में सबसे अलग लोग बन जाते हैं, कुछ लोगों की ज़िन्दगी में इतने बुरे दिन आते हैं की उनका वह बुरा समय ख़तम ही नहीं होता, और हर रोज़ वह अपनी उसी परेशानी से जूझते हुए नज़र आते हैं। आज की इस पोस्ट में आप ऐसे ही एक आदमी के बारे में जानोगे जिसकी ज़िन्दगी में कुछ ऐसा हुआ की उसपर यकीन कर पाना भी मुश्किल है, इस आदमी के बारे में जान कर आप को अहसास हो जाएगा की आप की ज़िन्दगी कितनी अच्छी है, अगर आप उस की जगह होते तो आप का क्या होता यह सोच कर भी अजीब लगता है,
तो आइये जानते हैं उस इंसान के बारे में आखिर उसके साथ ऐसा क्या हुआ था,
Mehran Karimi Nasiri नाम का यह इंसान ईरान में पैदा हुआ था, इस इंसान की हैरान करने वाली कहानी यह है की इसने अपनी ज़िन्दगी के पुरे 18 साल एक एयरपोर्ट पर रह कर गुज़ार दिए, Mehran Karimi Nasiri के पिता ईरान के रहने वाले थे जबकि इनकी माता स्कॉटलैंड की रहने वाली थी, यह पहली बार साल 1973 में ईरान से स्कॉटलैंड पढ़ने के लिए गए, स्कॉटलैंड की एक यूनिवर्सिटी में तीन साल पढाई करने के बाद यह वापस ईरान चले गए, इनका कहना है की जब साल 1977 में ईरान के शाह के खिलाफ विरोध होने लगे थे तभी इन्हे भी विरोध करने के आरोप में ईरान से निकाल दिया गया था,
लेकिन कुछ लोग इस की इस बात को झूठा साबित करते हैं लोगों का कहना है की इसने यह बातें सिर्फ योरोप में पनाह लेने के लिए कही होगी जबकि इसको कभी भी ईरान से निकला नहीं गया था,
लेकिन इस इंसान की कही हुई बात इसके लिए काफी फायदेमंद साबित हुई और इसे यूनाइटेड नेशंस हाई कमीशन ऑफ़ रेफ्यूजी ने बेल्जियम में पनाह दे दी जिसके बाद यह एक रेफ्यूजी बन गया, इससे इस इंसान को यह फायदा हुआ की यह बेल्जियम के इलावा दूसरे यूरोपियन देशों में भी सफर कर सकता था,
कुछ सालों तक बेल्जियम में रहने के बाद इसने इंग्लैंड में सेटल होने का फैसला कर लिया,
इसका कहना था की इसकी माँ स्कॉटलैंड की थी इस लिए यह इंग्लैंड में रह सकता है,
साल 1988 में Mehran Karimi Nasiri बेलजियम से इंग्लैंड के लिए निकल गया, लेकिन हवाई जहाज़ को फ्रांस में रुक कर फिर आगे जाना था, Mehran Karimi Nasiri फ्रांस के एयरपोर्ट के टर्मिनल नंबर 1 पर मौजूद था, और इंग्लैंड जाने के लिए इंतज़ार कर रहा था,
अब यहीं पर इसकी ज़िन्दगी के बुरे दिन शुरू होने वाले थे, फ्रांस के Charles de Gaulle Airport पर इसका ब्रीफ़केसे चोरी हो गया जिसके अंदर इसके कुछ सामान और पासपोर्ट भी तह, सबसे अहम कागज़ इसका रेफ्यूजी कार्ड भी उसी ब्रीफ़केसे में था,
ब्रीफ़केसे चोरी होने के बावजूद भी यह इंग्लैंड जाने के लिए हवाई जहाज़ में बैठ गया, यही इसकी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती साबित हुई,
इंग्लैंड एयरपोर्ट पर उतरने के बाद जब ऑफिसर ने इससे पासपोर्ट माँगा तो इसके पास कोई डॉक्यूमेंट नहीं थे, इसी लिए इसे इंग्लैंड से वापस फ्रांस भेज दिया गया, फ्रांस पहुंचने पर जब यह देखा गया की इसके पास कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं है तो इसे गिरफ्तार कर लिया गया,
लेकिन इसे यह देख कर छोड़ दिया गया था की इसका अपना कोई देश नहीं था फिर भी एयरपोर्ट पर इसकी एन्ट्री कानूनी थी,
यह पुलिस की गिरफ्त से तो आज़ाद था लेकिन एयरपोर्ट के बाहेर नहीं जा सकता था क्यों की इसके पास किसी भी देश की नागरिकता नहीं थी,
ऐसे में इसे फ्रांस के Charles de Gaulle Airport पर ही रुकना था, हर दिन जहाज़ आती जाती रहती लोग उसमे सफर करते पर यह उसी एयरपोर्ट पर बैठे रहते, पुरे 4 इसी तरह एयरपोर्ट पर गुज़ारने के बाद फ्रांस की अदालत ने यह फैसला सुनाया की इनके पास किसी भी देश की नागरिकता साबित करने लायक कोई डॉक्यूमेंट नहीं है ऐसे में इन्हे किसी भी देश में भेजा नहीं जा सकता और न ही इन्हे फ्रांस के किसी शहर या गॉव में रखा जा सकता,इन सब बातों को धियान में रखते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया की Mehran Karimi Nasiri अब फ्रांस के Charles de Gaulle Airport पर ही रहेंगे पर कब तक यह कोई नहीं जानता था,
अब आप सोच रहे होंगे की इसके पास बेलजियम में रेफ्यूजी के तौर पर नागरिकता मिली हुई थी तो यह वापस बेलजियम क्यों नहीं जा सकता ?
तो इसका जवाब यह है की अगर कोई भी रेफ्यूजी अपनी मर्ज़ी से बेलजियम छोड़ कर चला जाये तो उसे दोबारा नागरिकता नहीं दी जाती, फिर भी बेलजियम सरकार ने इसे वापस आने की दावत दी जिसे खुद इसने ठुकरा दी, असल में इसे इंग्लैंड ही जाना था जहाँ इसकी माँ का घर था,
ईरान में रहने वाले इसके परिवार ने भी इसका साथ छोड़ दिया क्यों की इसने ज़िद पकड़ ली थी की इसे इंग्लैंड ही जाना है परिवार वालों ने भी कहा की इसे जैसी ज़िन्दगी गुज़ारनी थी यह वैसी ज़िन्दगी गुज़ार रहा है, अब यह खुद जाने इसके साथ आगे क्या होता है,
इन सब बातों को देखते हुए एक समय ऐसा आया जब खुद फ्रांस की सरकार ने इसे फ्रांस की नागरिकता देने की बात की तब इसने इसे भी ठुकरा दिया और अपनी ज़िद पर अड़ा रहा की इसे इंग्लैंड ही जाना है,
साल 1988 से 2006 तक पुरे 18 साल इसने इसी एयरपोर्ट पर गुज़ार दिए, 2006 में इसकी तबियत बहोत ख़राब हो गई जिसके लिए इसे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, यही वह मौका था जब यह 18 सालों में पहली बार एयरपोर्ट से बाहेर निकला था वो भी बीमारी की हालत में,
ठीक होने के बाद इसे फ्रांस की एक community शेल्टर ने अपने पास रख लिया है,
लेकिन आज तक इसका इंग्लैंड जाने का सपना अधूरा ही है, और ऐसा लगता है इसका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा,
मुझे तो यह लगता है की कहीं न कहीं Mehran Karimi Nasiri को अपनी माँ से बहोत प्यार था इसी लिए वह इंग्लैंड ही जाने की ज़िद पर अड़ा रहा, वरना कोई भी अपनी ज़िन्दगी के 18 साल एयरपोर्ट पर गुज़ारने को क्यों तैयार होगा, जबकि उसे बेलजियम, ईरान, और खुद फ्रांस की सरकार ने अपने देश की नागरिकता देने का अयलान भी किया था,
इस दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते ही हैं जो अपनी ज़िद पर अड़े रहते हैं जिसकी वजह से वोह खुद भी परेशान हजाते हैं और सभी को परेशानी में डालकर रखते हैं जिनमे से एक हैं Mehran Karimi Nasiri
आपको Mehran Karimi Nasiri की ज़िन्दगी की यह कहानी कैसी लगी कमेंट करके ज़रूर बताना
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